१. महाभारत के पांडव का चरित्र : Pandav in Mahabharat
#२. धर्म और अधर्म का युद्ध - What is Dharma and Adharma ?
दुर्योधन जैसो शेकडो लोगो ने अधर्म , अनीति, अत्याचार,बलात्कार, कब्ज़ा, करना ऐसे बहोत सरे गुनाह किये थे जिसकी सजा आपलोग जानते ही होंगे गरुड़ पुराण के अनुसार, फिर भी उनको सुधरने का मौका श्रीकृष्ण ने शांति दूत बनकर जाकर देने का प्रयास किया था फिर भी दुर्योधन नहीं माना।
#३.भीष्मपितामह और द्रोणाचार्य : धर्म, कर्त्तव्य और राजनीती के बिच फेज महान योद्धा
इसलिए फिर लाखो सैन्य के साथ दोनों तरफ युद्ध के लिए लोग तैयार हुए, और जो बड़े ही ज्ञानी तीनो लोगो को वश में कर सकते ऐसे योद्धा भीष्मपितामह और द्रोणाचार्य - इनको मजबूरन अधर्म के तरफ से लड़ने पर मजबूर होना पड़ा, क्योकि भीष्मपितामह ने प्रतिद्न्या ली थी ओह साँस की आखरी दम तक हस्तिनापुर और उनके राज्य की रक्षा करेंगे, और द्रोणाचार्य एक ब्राह्मण होते हुए भी आर्थिक परिस्थि के चलते अपने पुत्र के मोह में आकर, दुर्योधन के आश्रित हुए थे,
इस्सलिये भगवद गीता का पहला श्लोक है, धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे - धर्म के ऐसे क्षेत्र पर, - इस्सलिये सामने अपने लड़ने के लिए देख अर्जुन ने धर्म के तारफ से होते हुए भी युद्ध करने के लिए इंकार किया तब श्रीकृष्ण ने उसे जो बताया लगभग १:३० घंटे में वह पूरी भगवद गीता है समज लीजिये,
#४. कर्म कैसे निर्धारित होता है ?Know how your karma is decided
वह युद्ध धर्म के लिए था इस्सलिये लाखो लोग भी मारे जाते तो भी अर्जुन को पाप नहीं लगता, कोई भी कार्य (कर्म) करते है उसको हम किस हेतु से करते है उसपर आपका कर्म अच्छा या बुरा निर्धारित होता है.
अर्जुन को दिव्य दृष्टी देकर विश्वरूप भगवन ने स्वयं दिखाया था और मनुष्य के बारे में सब कुछ बता दिया था, जिसे हम आज भी उसको समज कर मोक्ष यानि भगवान की प्राप्ति क्र सकते है. भगवद गीता और ईश्वर पर भरोसा रख कर सत्कर्म भक्ति करके भगवदगीता के अनुसार अपने जीवन जीने वाले लोग आप देख सकते है उदा. ( संत एकनाथ, संत तुकाराम, और भी बहोत सारे.
#५. Bhagavad Gita Kisne Likhi? जानिए गीता का लेखन और उसका दिव्यस्त्रोत
श्रीमद्भगवद्गीता तक़रीबन पांच से साढ़े पांच हजार साल पहले करुक्षेत्र के रणभूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने धारधारी अर्जुन को कही थी, जो दिव्य दृष्टी रखने वाले व्यास ऋषि ने भी सुनी थी, और बुद्धि के देवता श्रीगणेश जी से लिखवाई थी. आजके टेक्नोलॉजी के दुनिया में मनुष्य खो चूका है, जिसको जीवन का रास्ता नहीं पता.
पांच हजार साल पहले बस क्षत्रिय जैसे और भी कुछ धर्म हुवा करते थे तब कोई ऐसे हिन्दू - मुस्लिम - शिख-खिश्चन जैसे धर्म नहीं थे और भगवद्गीता मानव के कल्याण के हेतु स्वतः भगवान ने स्वयं कही है, इसलिए यह भगवद्गीता किसी भी एक जाती समुदाय या धर्म की नहीं तो सम्पूर्ण मानव केलिए है और मानव कल्याण का ग्रंथ है.
श्रीमद्भगवद गीता ग्रंथ किस धर्म का है ? who wrote the Gita ?
इसे सिर्फ हिन्दू का कहा जाता है, मगर किसी ने पढ़ा नहीं और judgment दे दिया। हमारे जैसे सिर्फ खाना-पीना-सोना-मौज-पैसा -और भोग के सिवा कुछ भी ना सोचने वाले लोग गीता के बारे में और बता भी क्या सकते है ???
तर्क से देखा जाये तो बाकि सभी धर्म मे जिन्हे भगवान मानते है वह सिर्फ आजसे १५०० या १८०० साल पुराने है, सबसे पुरातन ग्रंथ और संस्कृति सनातन है जिसमे चार वेद और उपनिषद् है जिसको आज कलयुग में हम मनुष्य भूल चुके है. यह बहोत ही शर्मनाक बात है.
#.FAQ.
सोचने पर मजबूर करने वाले कुछ सवाल - (karma bhagavad gita quotes in hindi)
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पृथ्वी एक लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से घूमती है कैसे ??
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गुरुत्वाकर्षण है और उसमे शक्ति है कहा से ??
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हमारी निर्मिति कैसे हुई ?
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खून लाल ही क्यों होता है ?
· जो पार्टिकल मेमोरी कार्ड में होते है वह हमारे शरीर में नहीं है फिर याद रहने की शक्ति कहा से आइ.
#६. गीता का अर्थ क्या है? Bhagavad Gita Explained in simple Hindi
श्रीमद्भगवद्गीता - अर्थ : भगवान के स्वयम मुख से निकला हुवा गीत, आज जो कीर्तन होता है वह ज्ञानेश्वरी - गीता का ही प्राकृत भाषा में किया अनुवाद है.
यह है कुछ भगवद गीता के बारे में जानकारी जो बहोत ही महत्वपूर्ण है. यह जानकारी हमारे हुए वेद पुराण और ऋषियों ने दिए ज्ञान के अनुसार दी है. जो पूर्णतः सत्य है, पर उसको बताने में कुछ शब्द में प्रश्न या गलत संदेह उत्पन होता है तो वह हमारी लिखने की गलती हो सकती होगी।
इंटरनेट पर छानने के बाद हमे यह भी पता चला है की बाहर के देश के लोगो ने भी भगवद्गीता पर संशोधन किया अभ्यास किया और उनके लाइफ में किस तरह पड़ाव आया वह भी आपलोग देख सकते है. यह लेख बस सही जानकारी देने के लिए था. अगर इसमें कोई शब्द संदेह उत्पन करता है तो कमेंट करके जरूर बताये। जय श्रीकृष्णा ! धन्यवाद।
महत्वपूर्ण जाणकारी के लिये याद राखे www.qkarte.in को.
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